सदस्यता :--
संस्था में निम्न श्रेणी के सदस्य होंगे –
- संरक्षण सदस्य – संस्था को जो व्यक्ति दान के रूप में 500/- या अधिक एकमुश्त या एक साल में बारह किस्तों में देंगा वह समिति का संरक्षक सदस्य होंगा |
- आजीवन सदस्य :-- जो व्यक्ति रुपये 10 माह रुपये
250 /- प्रति वर्ष या अधिक देकर वह आजीवन सदस्य बन सकेंगा | कोई भी आजीवन सदस्य रुपये 250/- या अधिक देकर रक्षक सदस्य बन सकता है |
- साधारण सदस्य :-- जो व्यक्ति रुपये 10 माह रुपये 120/- प्रति वर्ष संस्था को चंदे के रूप में देंगा वह साधारण सदस्य होंगा | साधारण सदस्य केवल उसी अवधि के लिए सदस्य होंगा जिसके लिए उसने चंदा दिया है जो साधारण सदस्य बिना संतोषजनक कारणों के छह माह तक देय चंदा नहीं देंगा उसकी सदस्यता समाप्त हो जाएँगी | ऐसे सदस्य द्वारा संस्था के लिए नया आवेदन पत्र देने तथा बकाया चंदे की राशी देने पर पुनः सदस्य बनाया जा सकता है |
- सम्मानीय सदस्य :_-- संस्था की प्रबंधकारिणी किसी व्यक्ति या व्यक्तिओ को उस समय के लिए जो उचित समझे सम्मानीय सदस्य बना सकती है | ऐसे सदस्य साधारण सभा की बैठक में भाग ले सकते है | परन्तु उनको मत देने का अधिकार नहीं होंगा |
सदस्यता की प्राप्ति :--
प्रत्येक व्यक्ति जो की समिति का सदस्य बनने का इक्छुक हो उसे लिखित रूप में अदेदन करना होंगा | ऐसे आवेदन पत्र प्रबंधकारिणी समिति को प्रस्तुत करना होंगा जिसके आवेदन पत्र को स्वीकार करने य आमान्य करने का अधिकार होंगा |
सदस्यों की योग्यता :--
संस्था का सदस्य बनने के लिए व्यक्ति में निम्न लिखित योग्यता होना आवश्यक है-
- आयु 18 वर्ष से कम न हो
- भारतीय नागरिक हो
- समिति के नियमो के पालन की प्रतिज्ञा की हो
- सद्चरित्र हो तथा मद्दपान न करता हो |
सदस्यता की समाप्ति :--
संस्था की सदस्यता निम्नलिखित स्तिथि में समाप्त हो जाएँगी –
- मृत्यु हो जाने पर
- पागल हो जाने पर
- संस्था को देय चंदे की रकम नियम 5 बताये अनुसार जमा न करने पर
- त्याग पत्र देने पर और वह स्वीकार होने पर
- चारित्रिक दोष होने पर, और कार्यकारिणी समिति के निर्णय के अनुसार दिए जाने पर जिसके निर्णय पारित होने की सुचन को लिखित रूप में देने होंगा |
सदस्य पंजी
संस्था कार्यालय में सदस्य पंजी राखी जावेंगी जिसमे निम्न ब्योरे दर्ज किये जावेंगे
- प्रत्येक सदस्य का नाम , पता तथा व्यवसाय हस्ताक्षर एवं दिनांक सहित |
- वह तारीख जिसको सदस्यों को प्रवेश दिया गया हो वह रशीद न.|
- वह तारीख जिससे सदस्यता समाप्त हुई हो |
साधारण सभा :-
साधारण सभा में नियम 5 में दर्शाए श्रेणी ले सदस्य समावेशित होंगे | साधारण सभा की बैठक आवश्यकतानुशार होंगी| परन्तु वर्ष में एक बार बैठक अनिवार्य होंगी | बैठक का माह तथा बैठक का समय कार्यकारिणी समिति निश्चित कर 15 दिवस पूर्व प्रत्येक सदस्य को दी जाएँगी | बैठक का कोरम दो या तीन सदस्यों का होंगा | संस्था को प्रथम क्रम आम सभा पंजीयन दिनांक से तीन माह के भीतर बुलाई जावेंगी | इसमें संस्था के पदाधिकारियों का विधिवत निर्वाचन किया जावेंगा | यदि सम्बंदित आम सभा का आयोजन किसी समय नहीं किया जाता तो पंजीयक को अधिकार होंगा की संस्था की आम सभा का आयोजन किसी जिम्मदार कर्मचारी को मार्गदर्शन में एवं
पदाधिकारियों का विदिवत चुनाव कराया जावेंगा |
प्रबंधकारिणी सभा :-
प्रबंधकारिणी सभा बैठक प्रत्येक माह होंगी, तथा बैठक का एजेंडा तथा सूचना बैठक दिनांक से 7 दिन पूर्व कार्यकारिणी के प्रत्येक सदस्य को भेजी जाना आवश्यक होंगी |
बैठक में कोरम ½ सदस्यों की होंगी | यदि बैठक की कोरम पूर्ण नहीं होता है तो बैठक 1 घंटे के लिए स्थगित की जाकर उसी स्थान पर उसी दिन पुनः की जाएँगी |
विशेष :-
यदि कम से कम कुल संख्या (कुल सदस्यों की संख्या का ) के 2/3 सदस्यों दारा लिखित रूप से बैठक बुलाने हेतु आवेदन करे तो उनके दर्शाए विषय पर विचार करने के लिय साधारण सभा की बैठक बुलाई जाएँगी | विशष संकल्प पारित हो जाने पर संकल्प की प्रति बैठक पंजीयक को इस सम्बन्ध में आवश्यक निर्देश जारी करने तथा समिति की परामर्श देने का अधिकार होंगा |
साधारण सभा के अधिकार व कर्तव्य :--
- संस्था के पिछले वर्ष का वार्षिक विवरण प्रगति प्रतिवेदन स्वीकृत करना |
- संस्था की स्थायी निधि व सम्पति को ठीक व्यवस्था करना |
- आगामी वर्ष के लिए लेखा परीक्षको की नियुक्ति करना |
- अन्य ऐसे विषयों पर विचार करना जो प्रबंधकारिणी द्वारा प्रस्तुत हो |
प्रबंधकारिणी का गठन :--
ट्रस्तिज यदि कोई हो समिति के पदेन सदस्य रहेंगे | नियम 5 (अ.ब.स.) में दर्शाए गए सदस्यों जिनके नाम पंजी रजिस्टर में दर्ज हो बैठक में बहुमत के आधार पर निमंकित पदाधिकारियों तथा . प्रबंधकारिणी समित के सदस्य का निर्वाचन होंगा |
- अध्यक्ष
- उपाध्यक्ष
- सचिव
- सह – सचिव
- कोषाध्यक्ष
- 4 सदस्य
प्रबंध समिति का कार्यकाल :--
प्रबंध समिति का कार्यकाल 3 वर्ष का होंगा | समिति का यथेस्ता कारन होने पर उस समय तक जब तक की नयी प्रबंधकारिणी समिति का निर्माण नियमानुसार या अन्य कारणों से नहीं हो जाता, करती रहेंगी किन्तु उक्त अवधि 6 माह से ज्यादा नहीं होंगा | जिसका अनुमोदन साधारण सभा से कराना अनिवार्य होंगा |
प्रबंधकारिणी के अधिकार व कर्तव्य :--
- जिन उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु समिति का गठन हुआ है उनकी पूर्ति करना और इस आशय की पूर्ति हेतु व्यवस्था करना |
- पिछले वर्ष का आय - व्यव का लेखा पूर्ण तह परीक्षित किया हुआ प्रगति प्रतिवेदन के साथ प्रति वर्ष साधारण सभा की बैठक में प्रस्तुत करना
- समिति व उसके अधीन संचालित संस्थाओ के कर्मचारियो के वेतन अथवा भत्ते आदि का भुक्तान करना| संस्था की चल –अचल सम्पति पर लगने वाले कर आदि का भुगतान करना |
- कर्मचारियों शिक्षको आदि की नियुक्ति करना |
- अन्य आवश्यक कार्य करना जो साधारण सभा द्वारा समय – समय पर सौपे जाये |
- संस्था की समस्त चल –अचल सम्पति , कार्यकारिणी की लिखित अनुज्ञा के बिना विक्रय द्वारा या अन्यथा अर्जित या आन्तरित नहीं की जाएँगी |
- संस्था द्वारा कोई भी स्थावर सम्पति रजिस्ट्रार की लिखित अनुज्ञा के बिना विक्रय द्वारा या अन्यथा अर्जित या अंतरित नहीं की जाएँगी|
- विशेष बैठक आयोजित कर संस्था के विधान में संसोधन किये जाने के प्रस्ताव पर विचार – विमर्श कर साधारण सभा की बैठक में उसकी स्वीक्रति हेतु प्रस्तुत करेंगी | साधारण सभा में कुल सदस्यों 2/3 से संसोदित पारित होने पर उक्त प्रस्ताव पारित कर पंजीयक को आवेदन हेतु भेजा जायेंगा |
अध्यक्ष के अधिकार :-
अध्यक्ष साधारण तथा प्रबंधकारिणी समिति के समस्त बैठको की अध्यक्षता करेंगा ,तथा मंत्री द्वारा साधारण सभा में प्रबंकारिणी की बैठको का आयोजन करवायेंगा |
अध्यक्ष का मत विचारार्थ विषयों में निर्नाय्त होंगा |
उपाध्यक्ष के अधिकार :-
अध्यक्ष की अनुपस्तिथि में उपाध्यक्ष के द्वारा साधारण सभा एवं प्रबंधकारिणी की , समस्त बैठको की अध्यक्षता करेंगा | अध्यक्ष के समस्त अधिकारों का उपयोग करेंगा |
सचिव (मंत्री) के अधिकार :--
- साधारण सभा एवं प्रबंद्कारिणी की बैठक समय – समय पर बुलाना और समस्त आवेदन पत्र तथा सुझाव प्राप्त हो प्रस्तुत करना |
- समिति का आय - व्यव का लेखा परिक्षण तैयार करके साधारण सभा के सम्मुख प्रस्तुत करना |
- समिति के सारे दस्तावेज तैयार करना तथा करवाना |
- उनका परिक्षण करना व् अनियमितता पाए जाने पर उसकी सुचना प्रबंकारिणी को देना |
- सचिव के किसी कार्य के लिए एक समय में रूपए 1000 रु. को खर्च करने का अधिकार होना |
सह -सचिव के अधिकार व् कर्तव्य :--
समिति के अनुपस्थित रहने पर सह सचिव की धन राशी का पूरा हिसाब रखना तथा सचिव या कार्यकारिणी द्वारा स्वीक्रत व्यय करना |
बैंक खाता :--
संस्था की समस्त निधि किसी अनुसूचित या पोस्ट ऑफिस में रहेंगी | धन का आहरण अध्यक्ष या कोषाध्यक्ष या सचिव के सयुक्त हस्ताक्षर से होंगा | दैनिक व्यय हेतु कोषाध्यक्ष के पास अधिकतम रु. 1000 रहंगे |
पंजीयक को भेजी जाने वाली जानकारी :--
अधिनियम की धारा 27 के अंतर्गत संस्था की वार्षिक आमसभा होने के दिनांक से 45 दिन के भीतर निर्धारित प्रारूप कार्यकारिणी समिति की सूचि फाइल की जावेंगी | तथा धारा 28 के अंतर्गत संस्था की परीक्षित लेखा भेजेंगी |
जानकारी विहित फीस सहित भेजेंगी |
संशोधन :--
संस्था के विधान संसोधन साधारण सभा की बैठक में उन सदस्यों के मतों से पारित होंगा | यदि आवश्यक हुआ तो संस्था के हित में उसके पंजीकृत विधान में संसोधन करने के अधिकार पंजीयक फर्म्स एवं संस्थाए को होंगा ,जो प्रत्येक सदस्य को मान्य होंगा | आवेदन निर्धारित शुल्क के साथ किया जायेंगा |